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महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा

Mahatma Gandhi Antarrashtriya Hindi VishwaVidyalaya,Wardha

(A Central University established by an Act of Parliament in 1997)

पूरा नाम (हिंदी में) डॉ. अनिर्बाण घोष
 
पूरा नाम (अग्रेजी में) ANIRBAN GHOSH
पिता/पति का नाम DR. HARIPADA GHOSH
माता का नाम KRISHNA GHOSH
जन्म तिथि 04/11/1972
पदनाम सहायक प्रोफेसर (चीनी भाषा)
पता/ सम्पर्क

क्षेत्रीय केंद्र कोलकाता, आई ए 290, ऐकतान, इ जेड सी सी, सॉल्ट लेक, कोलकाता - 97   

033 - 46039985 (off) (res) anichinese@gmail.com
वेब पृष्ठ
विभाग अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा अध्ययन विभाग
वेतन विवरण
शैक्षिक योग्यता

विश्वभारती विश्वविद्यालय, शांतिनिकेतन से चीनी भाषा में एम.ए. (2001), पी-एच.डी (2018) एवं यू.जी.सी. नेट परीक्षा (जुन 2002) उत्तीर्ण

कैरियर प्रोफाइल
  1. भारतीय निर्यात – आयात बैंक (एक्सिम बैंक) में उप प्रबंधक (चायना डेस्क) के पद पर कार्यरत थे (फरवरी 12, 2004 – जुलई 6, 2007) ।
  2. महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा (महाराष्ट्र) में चीनी भाषा में सहायक प्रोफेसर के पद पर जुलई 9,  2007 से कार्यरत    
प्रशासनिक अनुभव
  1. (मार्च 2016 - ): सदस्य, बोर्ड ऑफ स्टडीज, चीनी, विदेशी भाषा एवं अंतरराष्ट्रीय अध्ययन केंद्र, भाषा विद्यापीठ, म.गां.अं.हिं.वि., वर्धा
  2. (नवंबर 28, 2017 - ): सदस्य, स्कुल बोर्ड, चीनी, भाषा विद्यापीठ, म.गां.अं.हिं.वि., वर्धा
  3. (अगस्त 2010 - फरबरी 2017); समन्वयक, पर्यावरण क्लब
  4. (अक्टूबर 2014 - फरबरी 2017): समन्वयक, व्यवसाय एवं रोजगार परामर्श केंद्र
  5. (अगस्त 2014 - फरबरी 2017): अधीक्षक, फादर कामिल बुल्के अंतरराष्ट्रीय छात्रावास, म.गां.अं.हिं.वि., वर्धा
विशेषज्ञता

चीनी भाषा एवं संस्कृति, भारत -चीन सांस्कृतिक संपर्क

पढाया गया विषय

चीनी भाषा एवं संस्कृति

शोध मार्गदर्शक

नही

प्रकाशन वर्णन

1. (2018). घोष, अनिर्बाण. ‘महात्मा गांधी एवं चीन: एक संक्षिप्त अवधारणा”. ‘सीमा के पार: भूमण्डलीकरण के समय पर गांधीवादी चिंतन’, गांधी अध्ययन केंद्र, न्यु आर्ट्स, कॉमर्स एवं साइंस कॉलेज, वर्धा (महाराष्ट्र). वर्ष: 2018: 175 -180.

2. (2016). घोष, अनिर्बाण. “चीनी सद्‌भावना प्रतिनिधि मण्डल का वर्धा-सेवाग्राम भ्रमण एवं महात्मा गांधी से मुलाकात: एक ऐतिहासिक खोज”. निमित्त, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा (महाराष्ट्र). वर्ष: 2, अंक: 2. 2016: 17-18. Print.

3. (2015). “संघर्ष, सहयोग एवं व्यापार: भारत-चीन संबंधों में शांतिपुर्ण सहावस्थान (1950-1954)”, साहित्य और अनुवाद में पूछताछ, (संख्या 2), पृष्ठ. 390 – 411, नई दिल्ली: लक्षी प्रकाशन एवं डिस्ट्रिव्युटर्स, सुशांत कुमार मिश्र एवं अवधेश कुमार मिश्र ।  

4.  “भारतचीन व्यापार: चीन में हिंदी के प्रति बढ़ता रुझान”, तथ्यभारती, सितम्बर 2014, अंक 2, ISSN: 0975 - 8763, pp. 27 – 29

5. “चीन में हिंदी चर्चा की परंपरा: शांतिनिकेतन की भूमिका”, विश्वभारती पत्रिका, खण्ड 60, अंक 2, जुलाई 2014 – सितम्बर 2014, ISSN: 2348-4977, पृष्ठ. 118 – 129

6. “टेगोर एवं चीन: वीसवी सदी की प्रथम चरण / पहला भाग में चीन – भारत शैक्षणिक आदानप्रदान”,  पीकिंग विश्वविद्यालय दक्षिण एवं दक्षिण – पूर्वी एशिया अध्ययन – II, पीकिंग विश्वविद्यालय दक्षिण एवं दक्षिण – पूर्वी एशिया विभाग के प्रकाशन, सम्पादन प्रो. च्याङ चिङखोए, ISBN: 978-7-5153-2993-2, पृष्ठ. 379 -389

सम्मेलन और अध्ययन गोष्ठी का आयोजन
  1. चीनी लिपि प्रशिक्षण कार्यशाला , अक्टूबर 5 – 11, 2015
  2. चीनी लिपि-लेखन प्रतियोगिता, अक्टूबर 12, 2015
अनुसन्धान परियोजना

नही

पुरस्कार

नही

व्यावसायिक संगठनों के साथ एसोसिएशन
  1. (दिसंबर 2012 - ) सदस्य, एशीय – पैसिफिक अध्ययन भारतीय केंद्र (याप्स), कोलकाता 
  2. (2006 - ) आजीवन सदस्य, एशियाटिक सोसायटी, कोलकाता
  3. (दिसंबर 2014 - ) आजीवन सदस्य, भारतीय गांधी अध्ययन केंद्र 
अतिरिक्त गतिविधि

1. (अक्टूबर 27 – 28, 2017). पीकिङ विश्वविद्यालय के दक्षिण-पूर्वी एशिया अध्ययन केंद्र द्वारा आयोजित ‘एशिया में हिंदी: पूर्वी एशियाई देशों के परिप्रेक्ष में भारत का अध्ययन’ शीर्षक अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला में “चीन में हिंदी अध्ययन: चीन – भारत द्विपक्षीय शैक्षणिक सहयोग का संभावित क्षेत्र” विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत ।

2. (जुन 9 – 29, 2017). नॉर्थ-वेस्ट नॉर्मल विश्वविद्यालय, छाङछुन, चीन में आयोजित ‘2017 बेल्ट एवं रोड उद्योग के तहत विभिन्न देशों एवं अंचल के विश्वविद्यालय शिक्षकों के लिए आयोजित संगोष्ठी’ में प्रशिक्षण लिया ।

3. (6 – 13 अप्रेल, 2015).  कनफ्युसियास संस्थान मुख्यालय (हानपान), कोलकाता स्थित चीन गणप्रजातंत्र के कनसुलेट ऑफिस एवं विश्वभारती शांतिनिकेतन चीनी भाषा एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान द्वारा आयोजित  “चीनी भाषा के शिक्षकों के लिए विदेशी भाषा प्रशिक्षण कार्यक्रम” में भाग लिया ।

4. (1–2 जुन, 2013). षाङहाए स्थित थुङची विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ‘टेगोर से मो यान तक: एक सौ वर्ष की प्राच्य संस्कृति का सार्विक रूप” अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में “टेगोर एवं चीन: विशवीं सदी के पहला भाग में चीन-भारत अकादमिक आदानप्रदान”, शीर्षक शोधपत्र प्रस्तुत किया. संगोष्ठी में ‘टेगोर एवं चीन’ शीर्षक समानांतर सत्र में अध्यक्षता की ।