निःशस्त्र अहिंसा की शक्ति किसी भी परिस्थिति में सशस्त्र शक्ति से सर्वश्रेष्ठ होगी।

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पी-एच.डी. कोर्स वर्क के लिए परीक्षा आवेदन-प्रपत्र भरने की तिथि बढ़ाए जाने के संबंध में।



विवरणिका (स्‍नातक एवं परास्‍नातक कार्यक्रम) शैक्षणिक सत्र : 2025-26



देसी शिक्षा : जाति, समुदाय और औपनिवेशिक दुष्‍प्रचार विषयक व्याख्यान सम्पन्न


अधिसत्र परीक्षा (जून-जुलाई 2025) की समय-सारणी :




अधिसत्र परीक्षा (जून-जुलाई 2025) की समय-सारणी :



'पर्यावरण पूरक जीवन शैली' कार्यक्रम के आयोजन के संबंध में।

'पर्यावरण पूरक जीवन शैली' कार्यक्रम में सहभागिता हेतु गूगल फॉर्म लिंक



शोधार्थी श्री नवनीत कुमार को पी-एच.डी. उपाधि प्रदान किए जाने के संबंध में।

शोधार्थी सुश्री प्रीति को पी-एच.डी. उपाधि प्रदान किए जाने के संबंध में।



कंप्यूटर अनुप्रयोग में चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (सत्र : 2022-26) पंचम सेमेस्टर (संशोधित)

बी.एड. (सत्र : 2023-25) तृतीय सेमेस्टर (पुनर्मूल्यांकन)

एम.एड. (सत्र : 2024-26) प्रथम सेमेस्टर (पुनर्मूल्यांकन)



अकादमिक सत्र : 2025-26 में संचालित समस्त कार्यक्रमों के लिए समेकित समय-सारिणी के संबंध में परिपत्र।

अकादमिक सत्र : 2025-26 के लिए समस्त कार्यक्रमों के लिए समेकित समय-सारिणी का प्रारूप (.docx file)



केंद्रीय शिक्षा मंत्री से महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की कुलपति की शिष्टाचार भेंट



विश्‍व योग दिवस के अवसर पर दिनांक 21 जून, 2025 को आयोजित कार्यक्रम के संबंध में एवं पल-प्रतिपल।



CUET (PG) 2025 - परास्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश की सूचना।

CUET (PG) परास्नातक कार्यक्रम - 2025 ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया हेतु गाइडलाइन/दिशा-निर्देश (SOP)

CUET (PG) - 2025 परास्नातक कार्यक्रम : प्रवेश हेतु पंजीयन करने के लिए यहाँ क्लिक करें!

Academic Bank of Credits (ABC) आईडी बनाने हेतु यहाँ क्लिक करें!


CUET (PG) 2025 - परास्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश की सूचना (टोल फ्री - 18002332141/ 07152-251661) 




Providing and Fixing of welded Mesh Jali with M.S. Patti frame (window Pt. Madan Mohan Malviya Distance Education Building कार्य की निविदा (MGAHV/CD/34/2025-26/02) ।



एम.ए. जनसंचार (सत्र : 2024-26) प्रथम सेमेस्‍टर (पार्ट-I)

बी.ए.-बी.एड. (आईटीईपी) (सत्र : 2024-28) प्रथम सेमेस्‍टर (पुनर्मूल्यांकन)

एम.ए. दलित एवं जनजातीय अध्‍ययन (सत्र : 2024-26) प्रथम सेमेस्‍टर (पुनर्मूल्यांकन)

मास्‍टर ऑफ कंप्‍यूटर अनुप्रयोग (एम.सी.ए.) (सत्र : 2022-24) तृतीय सेमेस्‍टर (संशोधित)

बी.एड.-एम.एड. (एकीकृत) (सत्र : 2024-27) प्रथम सेमेस्‍टर (पुनर्मूल्यांकन)



ग्रीष्‍मावकाश संबंधी परिपत्र।



परीक्षा परिणाम :


अंतर जिला युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का हुआ समापन


अंतर जिला युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का हुआ समापन।



विश्वविद्यालय में वर्ष 2025 हेतु राजपत्रित एवं वैकल्पिक अवकाश संबंधी परिपत्र।


हिंदी शिक्षण अधिगम केंद्र

निदेशक का संदेश

विश्वविद्यालय में हिंदी शिक्षण अधिगम केंद्र की स्थापना हिंदी को अधिकाधिक उपयोगी एवं प्रासंगिक बनाने और उसके संवर्धन व विकास हेतु विविध आयामी कार्यक्रमों तथा उपक्रमों को संचालित करने के लिए की गई है। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय भाषा के साथ ही अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में हिंदी की भूमिका को प्रकाशित करने एवं प्रवासी भारतीयों के बीच अभिव्यक्ति के माध्यम के रूप में हिंदी को विकसित करना भी है। संसार के प्रत्येक भू-भाग में रहने वाले भारतवंशी अपनी साझी विरासत की भाषा के रूप में हिंदी के महत्व को स्वीकार करते हुए उसे उपयुक्त एवं प्रासंगिक बनाए रखने के लिए कृतसंकल्प हो सकें, केंद्र इस दिशा में भी सार्थक प्रयास हेतु संकल्पबद्ध है।

भारत के लिए हिंदी मात्र एक भाषा न होकर उसकी अस्मिता की पहचान है, जड़ों से जुड़ने की सार्थक कोशिश है। हिंदी भाषा के प्रति देश में अनन्य आकर्षण है। विविध-आयामी संस्थाओं, विद्यालयों, परिषदों, आयोगों, संघों, धार्मिक प्रतिष्ठानों, न्यायालयों, अस्पतालों आदि में हिंदी के नियमित प्रयोग को प्रोत्साहन देना हमारा अभीष्ट है। संपूर्ण देश में हिंदी सिनेमा, गीतों-गजलों व भजनों आदि का हिंदी में प्रयोग-उपयोग इसका प्रमाण है।

हिंदी के प्रचार-प्रसार, विकास व सम्मान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हिंदी सेवियों की एक लंबी सूची है, जो संपूर्ण विश्व में हिंदी को समृद्ध करने में लगे हैं। हिंदी को विश्व भाषा बनाने में उन प्रवासी भारतीयों का प्रमुख योगदान है, जो व्यापार अथवा मजदूरी के लिए दूसरे देशों में गये लेकिन जिन्होंने वहाँ अपनी संस्कृति और भाषा को कभी विस्मृत नहीं होने दिया। इसके अतिरिक्त बहुत सारे विदेशी विद्वानों ने भी हिंदी के संवर्धन एवं विकास में अपना बहुमूल्य योग दिया है। अत: इन सभी तथ्यों के आलोक में कार्यक्रमों की योजना बनाना और तदनुसार उसे क्रियान्वित करना केंद्र का लक्ष्य है, जिसे प्राप्त करने हेतु यह निरंतर अग्रसर है।

केंद्र का उद्देश्य

हिंदी शिक्षण अधिगम केंद्र (TLCHS) के उद्देश्‍य निम्‍नलिखित कार्यक्रमों/ योजनाओं का क्रियान्‍वयन करना है-

  • हिंदी शिक्षण के पाठ्यक्रम/ पाठ्यचर्या संरचना/ रूपरेखा के विकास संबंधी कार्यक्रम।
  • हिंदी शिक्षण हेतु पाठ्यक्रम संरचना में प्रतिमानात्‍मक बदलाव के आलोक में मूल्‍यांकन पद्धति के विकास संबंधी कार्यक्रम।
  • हिंदी शिक्षण में पाठ्यक्रम ढाँचे/ संरचना के विकास के अनुरूप वैकल्पिक शिक्षा वैज्ञानिक अंत:क्षेपों (Pedagogic interventions) को स्‍पष्‍ट करने संबंधी कार्यक्रम।
  • हिंदी शिक्षण हेतु शिक्षण-अधिगम सामग्री के विकास संबंधी कार्यक्रम।
  • हिंदी शिक्षण के लिए पाठ्य पुस्‍तक/ पुस्तिका के विकास से संबंधित कार्यक्रम।
  • क्षेत्रीय/ प्रादेशिक भाषाओं में/ से मूलपाठ के अनुवाद हेतु कार्यक्रम।
  • हिंदी तथा भाषा वैज्ञानिक शिक्षण से संबंधित शोध के प्रोत्‍साहन हेतु संसाधनों, संदर्भ सेवा, इलेक्‍ट्रानिक डाटाबेस के भण्‍डारण तथा ई-सामग्री के विकास से संबंधित कार्यक्रम।
  • हिंदी शिक्षण के प्रोत्‍साहन हेतु अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर विश्‍वविद्यालयों, महाविद्यालयों, उच्‍च शिक्षा केंद्रों का संजाल/ समूह विकसित करने संबंधी बहुआयामी कार्यक्रम।
  • हिंदी में पाठ्य पुस्‍तकों के विकास एवं निर्माण संबंधी कार्यक्रम।
  • सृजनात्‍मक लेखन के लिए पाठ्यक्रम निर्माण व विकास संबंधी कार्यक्रम।
  • हिंदी एवं कला, हिंदी एवं हिंदी साहित्‍य, हिंदी एवं भारतीय संस्‍कृति के साथ ही अन्‍य विषयों पर शोध संबंधी कार्यक्रम।
  • हिंदी में संदर्भ कोश/ पारिभाषिक कोश/ प्रासंगिक कोश के विकास हेतु कार्यक्रम।