निःशस्त्र अहिंसा की शक्ति किसी भी परिस्थिति में सशस्त्र शक्ति से सर्वश्रेष्ठ होगी।

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शोधार्थी सुश्री आशा को पी-एच.डी. उपाधि प्रदान किए जाने के संबंध में।



सत्रांत अवकाश हेतु परिपत्र।



ग्रीष्‍मावकाश संबंधी परिपत्र।



शोधार्थी सुश्री पल्‍लवी अनंत मोरे को पी-एच.डी. उपाधि प्रदान किए जाने के संबंध में।



शिक्षा विभाग के पी-एच.डी. शोधार्थी श्री दीपक कुमार (सत्र : 2021-22) के शोध निर्देशक के संबंध में।



पी-एच.डी. शोधार्थी श्री रंजीत कुमार निषाद (सत्र : 2015-16) का पुन: पंजीकरण के संबंध में।

पी-एच.डी. शोधार्थी श्री अभय जैन (सत्र : 2018-19) का पुन: पंजीकरण के संबंध में।

पी-एच.डी. शोधार्थी सुश्री सोनिका तिवारी (सत्र : 2020-21) के शोध विषय के निर्धारण के संबंध में।

पी-एच.डी. शोधार्थी सुश्री सारिका सारंगधर जगताप (सत्र : 2020-21) के वि-पंजीकृत के संबंध में।

पी-एच.डी. शोधार्थी सुश्री नैना प्रसाद (सत्र : 2021-22) के अन्‍तर्विषयक शोध-विषय का सह-शोध निर्देशक के संबंध में।

पी-एच.डी. शोधार्थी श्री प्रदीप कुमार टाक (सत्र : 2021-22) के अन्‍तर्विषयक शोध-विषय का सह-शोध निर्देशक के संबंध में।



सभी शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मियों के अवकाश संबंधी समस्‍त आवेदन, मुख्‍यालय छोड़ने की अनुमति एवं कार्यभार ग्रहण करने की सूचना केवल समर्थ पोर्टल के माध्‍यम से प्रेषित करने के संबंध में।



परामर्शदाता (लेखा) एवं परामर्शदाता (स्‍थापना एवं प्रशासन) के साक्षात्‍कार संबंधी सूचना।



गांधी एवं शांति अध्ययन विभाग के अंतर्गत संचालित कार्यक्रम एम.ए. (चतुर्थ छमाही) शोध परियोजना कार्य के संबंध में।

गांधी एवं शांति अध्ययन विभाग के एम.ए. (चतुर्थ छमाही) के विद्यार्थियों हेतु ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम के संबंध में।



समय-सारणी (संशोधित) : एम.ए. समाजशास्त्र



परीक्षा परिणाम :


सार्वजनिक आत्म प्रकटीकरण


सार्वजनिक आत्म प्रकटीकरण (Public Self Disclosure) 



ग्रीष्मावकाश (दिनांक 06 मई, 2025 से 19 जून, 2025) की अवधि में छात्रावास सुविधा (शोधार्थियों के आवंटित कक्षों को छोड़कर) अस्थायी रूप से उपलब्‍ध नहीं रहने के संबंध में।


CUET (UG) - 2025


CUET (UG) - 2025 : कार्यक्रम विवरणिका

CUET (UG) - 2025 कार्यक्रम के लिए ऑनलाइन आवेदन फॉर्म आमंत्रित किए जाने के संबंध में।

CUET (UG) - 2025 : कार्यक्रम विवरण

CUET (UG) - 2025 कार्यक्रम में आवेदन करने के लिए यहाँ क्लिक करें!


अंतर जिला युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का हुआ समापन


अंतर जिला युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का हुआ समापन।



विवरणिका (सत्र : 2024-25)



विश्वविद्यालय में वर्ष 2025 हेतु राजपत्रित एवं वैकल्पिक अवकाश संबंधी परिपत्र।


हिंदी शिक्षण अधिगम केंद्र

निदेशक का संदेश

विश्वविद्यालय में हिंदी शिक्षण अधिगम केंद्र की स्थापना हिंदी को अधिकाधिक उपयोगी एवं प्रासंगिक बनाने और उसके संवर्धन व विकास हेतु विविध आयामी कार्यक्रमों तथा उपक्रमों को संचालित करने के लिए की गई है। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय भाषा के साथ ही अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में हिंदी की भूमिका को प्रकाशित करने एवं प्रवासी भारतीयों के बीच अभिव्यक्ति के माध्यम के रूप में हिंदी को विकसित करना भी है। संसार के प्रत्येक भू-भाग में रहने वाले भारतवंशी अपनी साझी विरासत की भाषा के रूप में हिंदी के महत्व को स्वीकार करते हुए उसे उपयुक्त एवं प्रासंगिक बनाए रखने के लिए कृतसंकल्प हो सकें, केंद्र इस दिशा में भी सार्थक प्रयास हेतु संकल्पबद्ध है।

भारत के लिए हिंदी मात्र एक भाषा न होकर उसकी अस्मिता की पहचान है, जड़ों से जुड़ने की सार्थक कोशिश है। हिंदी भाषा के प्रति देश में अनन्य आकर्षण है। विविध-आयामी संस्थाओं, विद्यालयों, परिषदों, आयोगों, संघों, धार्मिक प्रतिष्ठानों, न्यायालयों, अस्पतालों आदि में हिंदी के नियमित प्रयोग को प्रोत्साहन देना हमारा अभीष्ट है। संपूर्ण देश में हिंदी सिनेमा, गीतों-गजलों व भजनों आदि का हिंदी में प्रयोग-उपयोग इसका प्रमाण है।

हिंदी के प्रचार-प्रसार, विकास व सम्मान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हिंदी सेवियों की एक लंबी सूची है, जो संपूर्ण विश्व में हिंदी को समृद्ध करने में लगे हैं। हिंदी को विश्व भाषा बनाने में उन प्रवासी भारतीयों का प्रमुख योगदान है, जो व्यापार अथवा मजदूरी के लिए दूसरे देशों में गये लेकिन जिन्होंने वहाँ अपनी संस्कृति और भाषा को कभी विस्मृत नहीं होने दिया। इसके अतिरिक्त बहुत सारे विदेशी विद्वानों ने भी हिंदी के संवर्धन एवं विकास में अपना बहुमूल्य योग दिया है। अत: इन सभी तथ्यों के आलोक में कार्यक्रमों की योजना बनाना और तदनुसार उसे क्रियान्वित करना केंद्र का लक्ष्य है, जिसे प्राप्त करने हेतु यह निरंतर अग्रसर है।

केंद्र का उद्देश्य

हिंदी शिक्षण अधिगम केंद्र (TLCHS) के उद्देश्‍य निम्‍नलिखित कार्यक्रमों/ योजनाओं का क्रियान्‍वयन करना है-

  • हिंदी शिक्षण के पाठ्यक्रम/ पाठ्यचर्या संरचना/ रूपरेखा के विकास संबंधी कार्यक्रम।
  • हिंदी शिक्षण हेतु पाठ्यक्रम संरचना में प्रतिमानात्‍मक बदलाव के आलोक में मूल्‍यांकन पद्धति के विकास संबंधी कार्यक्रम।
  • हिंदी शिक्षण में पाठ्यक्रम ढाँचे/ संरचना के विकास के अनुरूप वैकल्पिक शिक्षा वैज्ञानिक अंत:क्षेपों (Pedagogic interventions) को स्‍पष्‍ट करने संबंधी कार्यक्रम।
  • हिंदी शिक्षण हेतु शिक्षण-अधिगम सामग्री के विकास संबंधी कार्यक्रम।
  • हिंदी शिक्षण के लिए पाठ्य पुस्‍तक/ पुस्तिका के विकास से संबंधित कार्यक्रम।
  • क्षेत्रीय/ प्रादेशिक भाषाओं में/ से मूलपाठ के अनुवाद हेतु कार्यक्रम।
  • हिंदी तथा भाषा वैज्ञानिक शिक्षण से संबंधित शोध के प्रोत्‍साहन हेतु संसाधनों, संदर्भ सेवा, इलेक्‍ट्रानिक डाटाबेस के भण्‍डारण तथा ई-सामग्री के विकास से संबंधित कार्यक्रम।
  • हिंदी शिक्षण के प्रोत्‍साहन हेतु अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर विश्‍वविद्यालयों, महाविद्यालयों, उच्‍च शिक्षा केंद्रों का संजाल/ समूह विकसित करने संबंधी बहुआयामी कार्यक्रम।
  • हिंदी में पाठ्य पुस्‍तकों के विकास एवं निर्माण संबंधी कार्यक्रम।
  • सृजनात्‍मक लेखन के लिए पाठ्यक्रम निर्माण व विकास संबंधी कार्यक्रम।
  • हिंदी एवं कला, हिंदी एवं हिंदी साहित्‍य, हिंदी एवं भारतीय संस्‍कृति के साथ ही अन्‍य विषयों पर शोध संबंधी कार्यक्रम।
  • हिंदी में संदर्भ कोश/ पारिभाषिक कोश/ प्रासंगिक कोश के विकास हेतु कार्यक्रम।