निदेशक संदेश
प्रो.आनंद पाटील
हिन्दी केवल भारत की नहीं वरन विश्व की सबसे अधिक वैज्ञानिक भाषा है। यह ज्ञान-विज्ञान के समस्त क्षेत्रों में अभिव्यक्ति के लिए न केवल उपयोगी है प्रत्युत वैश्विक संदर्भों में इसकी सार्थकता को भी सभी ने स्वीकार किया है। नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत बिना किसी भेदभाव के भारतीय समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को पहुँचना प्रमुख लक्ष्य है। यह केवल ज्ञान प्रदान करने का माध्यम मात्र नहीं होगी वरन श्रेष्ठ व्यक्ति के निर्माण की संकल्पना को चरितार्थ करना इसका ध्येय है। यह शिक्षा प्राचीन सांस्कृतिक परंपरा, आधुनिक जीवन मूल्यों और भविष्य की चुनौतियों को केंद्र में रखकर समन्वयवादी दृष्टि की होगी। इसीलिए महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय ने भारत के प्रत्येक व्यक्ति तक शिक्षा को पहुँचने की दृष्टि से विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन आरंभ कर दिया है। जिसका लक्ष्य भारत के प्रत्येक व्यक्ति तक मूल्यपरक शिक्षा को पहुँचना है।
शिक्षा संस्थानों की कमी, आर्थिक संसाधनों के अभाव और व्यस्ततम जीवन चर्या के कारण उच्च शिक्षा से वंचित रह जाने वाले समाजिकों के लिए दूरशिक्षा सबसे महत्वपूर्ण माध्यम है। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय हिन्दी भाषा के माध्यम से विभिन्न विषयों की शिक्षा देने के लिए संकल्पबद्ध है। निश्चित रूप से नयी शिक्षा नीति की मूल स्थापनाओं में शोध के नए आयामों और नवाचार के प्रतिमानों को प्राप्त करने में यह विश्वविद्यालय अग्रणी भूमिका निभाने के लिए तत्पर है। इस दिशा में दूरशिक्षा निदेशालय विभिन्न पाठ्यक्रमों, जिनमें रोजगारोन्मुख पाठ्यक्रम भी सम्मिलित हैं, के संचालन द्वारा भारत में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुपालन द्वारा ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना को चरितार्थ करने की दिशा में अग्रसर है। नए और उन्नत भारत के निर्माण में आप सभी का स्वागत है।