शैक्षणिक सदस्य
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क्र.
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नाम
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पदनाम
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01
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प्रो.आनंद पाटील
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निदेशक
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02
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डॉ. शंभू जोशी
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एसोसिएट प्रोफेसर
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03
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डॉ. अमरेंद्र कुमार शर्मा
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एसोसिएट प्रोफेसर
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04
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डॉ. प्रियंका मिश्र
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एसोसिएट प्रोफेसर
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05
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डॉ. अनवर अहमद सिद्दीकी
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सहायक प्रोफेसर
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06
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डॉ. परिमल प्रियदर्शी
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अनुसंधान अधिकारी
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गैर-शैक्षणिक सदस्य
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01
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डॉ. प्रकाश नारायण त्रिपाठी
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सहायक क्षेत्रीय निदेशक
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02
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श्री अरविन्द कुमार
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तकनीकी सहायक (मास-मीडिया)
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निदेशक संदेश
प्रो.आनंद पाटील
हिन्दी केवल भारत की नहीं वरन विश्व की सबसे अधिक वैज्ञानिक भाषा है। यह ज्ञान-विज्ञान के समस्त क्षेत्रों में अभिव्यक्ति के लिए न केवल उपयोगी है प्रत्युत वैश्विक संदर्भों में इसकी सार्थकता को भी सभी ने स्वीकार किया है। नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत बिना किसी भेदभाव के भारतीय समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को पहुँचना प्रमुख लक्ष्य है। यह केवल ज्ञान प्रदान करने का माध्यम मात्र नहीं होगी वरन श्रेष्ठ व्यक्ति के निर्माण की संकल्पना को चरितार्थ करना इसका ध्येय है। यह शिक्षा प्राचीन सांस्कृतिक परंपरा, आधुनिक जीवन मूल्यों और भविष्य की चुनौतियों को केंद्र में रखकर समन्वयवादी दृष्टि की होगी। इसीलिए महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय ने भारत के प्रत्येक व्यक्ति तक शिक्षा को पहुँचने की दृष्टि से विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन आरंभ कर दिया है। जिसका लक्ष्य भारत के प्रत्येक व्यक्ति तक मूल्यपरक शिक्षा को पहुँचना है।
शिक्षा संस्थानों की कमी, आर्थिक संसाधनों के अभाव और व्यस्ततम जीवन चर्या के कारण उच्च शिक्षा से वंचित रह जाने वाले समाजिकों के लिए दूरशिक्षा सबसे महत्वपूर्ण माध्यम है। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय हिन्दी भाषा के माध्यम से विभिन्न विषयों की शिक्षा देने के लिए संकल्पबद्ध है। निश्चित रूप से नयी शिक्षा नीति की मूल स्थापनाओं में शोध के नए आयामों और नवाचार के प्रतिमानों को प्राप्त करने में यह विश्वविद्यालय अग्रणी भूमिका निभाने के लिए तत्पर है। इस दिशा में दूरशिक्षा निदेशालय विभिन्न पाठ्यक्रमों, जिनमें रोजगारोन्मुख पाठ्यक्रम भी सम्मिलित हैं, के संचालन द्वारा भारत में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुपालन द्वारा ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना को चरितार्थ करने की दिशा में अग्रसर है। नए और उन्नत भारत के निर्माण में आप सभी का स्वागत है।
विश्वविद्यालय के अधिनियम की धारा 4 में उल्लिखित विश्वविद्यालय के उद्देश्यों में बताया गया है किविश्वविद्यालय का उद्देश्य - दूरस्थ शिक्षा पद्धति के माध्यम से हिन्दी को लोकप्रिय बनाना होगा'। साथ हीधारा 5 के उपबन्ध (5) के अन्तर्गत विश्वविद्यालय को प्रदत्त शक्तियों में यह बताया गया है कि दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से उन व्यक्तियों को जिनके बारे में वह निर्धारित करे, सुविधाएँ प्रदान करना है'|
इस पृष्ठभूमि के आलोक में 15 जून, 2007 को महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम का उदघाटन भारत के राष्ट्रपति महामहिम डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वारा किया गया।
इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वारा रेखांकित किया गया कि -
विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा केन्द्र का उद्देश्य हिन्दी भाषा के माध्यम से ज्ञान के नवीनतम अनुशासनों की शिक्षा समाज के हर तबके-विशेष तौर पर समाज के हाशिए पर रह रहे शिक्षा से वंचित लोगों तक पहुँचाना है। यह केन्द्र हिन्दी भाषा को आधार बनाकर प्रबन्धन, सूचना प्रौद्योगिकी, अनुवाद आदि अनुशासनों में शिक्षण, मौलिक सोच एवं लेखन को प्रोत्साहित करने हेतु कटिबद्ध है। यह केन्द्र स्त्री-अध्ययन, अहिंसा एवं शांति अध्ययन जैसे नवीनतम अनुशासनों को व्यापक समाज तक पहुँचाने का प्रयास करेगा ताकि विश्वशान्ति एवं समता जैसे मूल्यों को व्यावहारिक तौर पर सिद्ध किया जा सके। हिन्दी में मौलिक-वैकल्पिक सोच एवं शोध के लिए प्रतिबद्ध इस विश्वविद्यालय का दूरस्थ शिक्षा केन्द्र यह प्रयास करेगा कि एक ओर दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम शोध/अनुसंधान द्वारा हिन्दी एवं ज्ञान के अनुशासनों में मौलिक सृजन करे, साथ ही, दूसरी ओर हिन्दी भाषा के माध्यम से रोजगारोन्मुख पाठ्यक्रमों द्वारा समाज की आवश्यकताओं की पूर्ति कर सके। देश में उच्च शिक्षा के लगातार महँगे एवं आमजन की पहुँच से दूर होने के इस दौर में दूरस्थ शिक्षा की भूमिका निर्विवाद एवं महत्वपूर्ण है। अत: यह केन्द्र उन सभी व्यक्तियों के लिए शिक्षा प्राप्ति का एक बेहतर अवसर प्रदान कर सकेगा जो किसी कारण शिक्षा प्राप्त नहीं कर सके। आशा है कि इसी राह पर चलते हुए यह केन्द्र अपने ध्येय 'शिक्षा जन-जन के द्वार' को चरितार्थ कर सकेगा।
महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय का दूरस्थ शिक्षा केन्द्र वर्तमान शिक्षा व्यवस्था के लिए विकल्प उपस्थित करने, हिन्दी में मौलिक सोच एवं अनुसंधान, समाज के हर तबके विशेष तौर पर शिक्षा से वंचित तबकों के लिए उच्च शिक्षा तक पहुँच आसान बनाने हेतु ज्ञान के नवीनतम अनुशासनों की हिन्दी भाषा के माध्यम से मौलिक प्रस्तुति एवं नवीनतम तकनीकों का प्रयोग करते हुए दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रमों के हिन्दी माध्यम से प्रचार-प्रसार को सुनिश्चित करेगा।