प्रस्तावना
हिंदी विश्वविद्यालय कर्मचारी सहकारी साख संस्था, मर्यादित महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा (महाराष्ट्र) के स्थाई शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों की साख संस्था है जो महाराष्ट्र सहकारी संस्था अधिनियम, 1960 के अंतर्गत वर्धा से 2 जनवरी, 2013 को पंजीकृत हुई है। इसका प्रमुख उद्देश्य अपने सदस्यों में मितव्ययिता तथा बचत की आदतों को प्रोत्साहित करते हुए उनके आर्थिक स्वावलंबन को बढ़ाना है ।
संस्था अपने सदस्यों तथा अन्य व्यक्तियों से विविध प्रकार की जमाएँ स्वीकारने के साथ ही अपने सदस्यों को आकस्मिक तथा सामान्य ऋण प्रदान करने के लिए संकल्पबद्ध है। अपने सदस्यों के आर्थिक उन्नयन के साथ ही व्यापक समाज के हितार्थ यह संस्था निकट भविष्य में विविध प्रकार के कल्याणकारी उपक्रम करना चाहती है। सहकारिता आंदोलन से जहाँ जनसामान्य को अनेक लाभ मिले हैं, वहीं कुछ चुनौतियाँ भी उजागर हुई हैं । इसके बावजूद अधिकांश संस्थाएँ अपनी कुशल नीतियों, परस्पर विश्वास, कल्याणकारी योजनाओं और पारदर्शिता के फलस्वरूप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल रही हैं।
संस्था का भरसक प्रयास होगा कि एक के लिए सब और सब के लिए एक के सिद्धांत पर काम करते हुए अपने कोषों के विनियोजन में सुरक्षा, तरलता और लाभप्रदता का पूरा ध्यान रखते हुए सदस्यों के अधिकारों का सम्मान किया जाए और इसके लिए संस्था पारदर्शिता तथा जिम्मेदारी के साथ काम करने के लिए सदैव प्रतिबद्ध रहेगी ।
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ध्येय- संस्था से जुड़े सभी व्यक्तियों का अधिकतम आर्थिक स्वावलंबन एवं कल्याण ।
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नीति -समस्त कार्य-प्रणाली में सुरक्षा, तरलता और लाभप्रदता के बीच समन्वय करते हुए अपने कोषों का विनियोजन करना ।
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उद्देश्य- सदस्यों में मितव्ययिता तथा बचत को बढ़ावा देना।